हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ग़ज़्ज़ा के निवासियों को मिस्र और जॉर्डन में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसे अरब देशों और फिलिस्तीनियों ने दृढ़ता से अस्वीकार कर दिया है। ट्रम्प का कहना है कि उनका लक्ष्य ग़ज़्ज़ा निवासियों के लिए शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करना है, लेकिन अरब देशों ने इस प्रस्ताव को "जातीय सफाए का प्रयास" कहा है और फिलिस्तीनियों का कहना है कि उन्हें अपनी मातृभूमि नहीं छोड़नी चाहिए।
मिस्र और जॉर्डन ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया है कि वे गज़्ज़ावासियो को अपने देशों में शरण देने के लिए सहमत होंगे, और यह भी कहा कि फिलिस्तीनियों को दूसरे देशों में स्थानांतरित करने के लिए इजरायल द्वारा लगाए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप उन्हें अपनी भूमि से निष्कासित कर दिया जाएगा। ऐसा करने की योजना है। इजराइल में दक्षिणपंथी चरमपंथी भी फिलिस्तीनियों के "स्वैच्छिक विस्थापन" की मांग कर रहे हैं, ताकि गाजा की भूमि पर इजराइली बस्तियां बनाई जा सकें।
प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए अल्बानियाई प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका देश यह स्वीकार नहीं करेगा कि वह गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को शरण दे। अरब लीग ने भी इस प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि फिलिस्तीनियों को उनकी भूमि से बाहर निकालने के ये प्रयास विफल होंगे।
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